दिल्ली के जाम से निजात दिलाएगा ये 8 लाइन वाला रोड , जाम से बहुत जल्द मिलेगा छुटकारा

New Delhi: द्वारका एक्सप्रेसवे को कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है जिसकी वजह से दिल्ली में ट्रैफिक काफी कम होगा यह सिंगल पियर पर देश की पहली 8 लेन एलिवेटेड रोड है सूत्रों के अनुसार दिल्ली और हरियाणा के बीच भूमि अधिग्रहण और समन्वय मुद्दों के कारण द्वारका एक्सप्रेसवे का विकास पिछले 20 वर्षों से रुका हुआ था

Express Way compressed

दिल्ली के जाम से जुड़ी अहम जानकारियां

•एक्सप्रेस-वे के महालेखा परीक्षक एवं नियंत्रक की रिपोर्ट के द्वारा एक्सप्रे की निर्माण लागत के अनुमान से भी अधिक रहने वाली है सड़क परिवहन मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने अनुसूची बताते हुए कहा है कि सरकार ने इसकी निर्माण लागत में 12 परसेंट की बचत की है

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•सूत्रों के अनुसार दिल्ली और हरियाणा के बीच में भूमि अधिग्रहण और समन्वय मुद्दों के कारण द्वारका एक्सप्रेसवे का विकास पिछले 20 सालों से रुका हुआ था भारतमाला कार्यक्रम के लिए सीएजी की मंजूरी में परियोजना पर लागत का उल्लेख नहीं है

•द्वारका एक्सप्रेसवे भारतमाला के राष्ट्रीय गलियारे दस्ता में सुधार ( National Corridors Efficiency Imporvement )
मैं शामिल है नेशनल कॉरिडोर की कुल सर्विस कॉस्ट 5000 किलोमीटर के लिए 91000 करोड़ है

•CAG ने परियोजना की प्रकृति को नजरअंदाज करते हुए गलती से सिविल कोर्ट की औसत लागत 18.2 करोड रुपए प्रति किलोमीटर की गणना की है द्वारका एक्सप्रेसवे के सभी चार पैकेजों के लिए निविदा में रखी गई औसत 206.24 करोड रुपए प्रति किलोमीटर है और वास्तविक सिविल कास्ट 182 करोड रुपए प्रति किलोमीटर है

•पूरी टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी थी और प्रत्येक पैकेज में कई बोली लगाने वालों ने भाग लिया प्रति पैकेज 4 से 12 ठेकेदारों ने इन टेंडरों में भाग लिया किसी भी परियोजना की सिविल कोर्ट परियोजना में शामिल स्ट्रक्चरल और डिजाइन फीचर के आधार पर निर्धारित की जाती है

•इस खंड पर 3 लाख से अधिक PCU ट्रैफिक है इस क्षेत्र में भीड़भाड़ कम करने के लिए दुर्ग कालीन समाधान पर विचार करते हुए यातायात के लिए उन्नत डिजाइन स्थानीय यातायात के लिए जमीनी स्तर की सड़क और सभी प्रमुख क्षेत्र की सड़कों के लिए अंडर पास का विचार किया गया है

•इस निर्माण पर स्थाई लागत समिति परियोजना मूल्यांकन समिति और NHAI के बोर्ड के स्तर पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया जिसमें अन्य विभागों के अधिकारी शामिल है साल 2014 तक अधिकांश बुनियादी ढांचा प्रयोजन टुकड़ों में बटी हुई थी और भविष्य की दीर्घकालीन आवश्यकताओं को ध्यान में नहीं रखा था मौजूदा दिल्ली से गुड़गांव सड़क का विकास इस वृद्ध शैली विकास का एक उदाहरण है

Hello friends, my name is Sunny Singh, I am working as an author on Haryana Update, before this I have worked as a writer on Khabar Express. I have provided all the information related to Haryana on Haryana Updates.

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