मथुरा : धार्मिक स्थलों की बात की जाए तो मंदिरों और सुंदर धार्मिक संरचनाओं संयुक्त मुद्रा भारत का सबसे ज्यादा लोकप्रिय शहर और शांत अध्यात्मिक स्थलों में से एक है क्योंकि इसे भगवान कृष्ण की जन्मभूमि भी कहा जाता है. मथुरा के संबंधित इतिहास को आप वास्तुकला और कला की हमेशा संस्था के माध्यम से देख सकते हैं.
दोस्तों अगर आप भी मथुरा में घूमना चाहते हैं और वहां पर रची कृष्ण की लीला के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे द्वारा बताई गई कुछ जगह पर आप अवश्य जाएं. यहां पर जाकर आपको भरपूर आनंद की प्राप्ति होगी और मन में एक शांति महसूस करेंगे. अगर आप भी मथुरा घूमने का प्लान बना रहे हैं और मंदिरों के साथ-साथ बेहतरीन जगह भी घूमना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए बहुत ही ज्यादा सहायक साबित होने वाला है.
श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर मथुरा
यह अद्भुत मंदिर जेल की कोठरी के चारों ओर बनाया गया है. जिसमें भगवान श्री कृष्ण की माता देवकी और पिता वासुदेव को उनके मामा कंस ने कैद किया था। हिंदुओं के लिए यह मंदिर बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण साबित होता है. क्योंकि यहां पर श्री कृष्ण का जन्म हुआ था जेल की कोठरी के अलावा श्री कृष्ण जन्म स्थान मंदिर परिसर के भीतर देवताओं को समर्पित अन्य मंदिर भी है इस मंदिर को कई अन्य राजाओं द्वारा तोड़ा गया और बनवाया गया.
द्वारिकाधीश मंदिर मथुरा
आपने जब भी मथुरा जाने का विचार बनाया होगा तो इस मंदिर में जाने का विचार अवश्य बनाया क्योंकि यह एक बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध मंदिर है जो कृष्ण को समर्पित है. 1814 में निर्मित मंदिर अपेक्षाकृत नया है लेकिन अत्याधिक पूजनीय है. ध्यान रखें कि यदि आप जन्माष्टमी के मौसम के दौरान जाते हैं तो आपको मंदिर की खूबसूरती सबसे ज्यादा मनमोहित कर देगी.
मथुरा म्यूजियम
शुरुआती समय में कर्जन संग्रहालय पूर्वतत्व के रूप में जाने जाने वाला सरकारी संग्रहालय मथुरा म्यूजियम पार्क में स्थित है. साल 1874 में निर्मित मथुरा संग्रहालय मथुरा और आसपास के क्षेत्र से मिट्टी के बर्तन, मूर्तियां, चित्रों, सिको (सोना चांदी और तांबे) में और बहुत कुछ एक से एक बड़ा संग्रह समेटे हुए हैं. आप बीच में जब मैं अवश्य जाएं और इसका आनंद उठाएं.
कंस किला मथुरा
यमुना नदी के तट पर स्थित कंस किला मथुरा का एक प्राचीन जिला है जो भगवान कृष्ण के मामा कंस को समर्पित है. कृष्ण गंगा घाट और वह घाट के पास स्थित किला एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और इसे हिंदू मुस्लिम वास्तुकला के मिश्रण के रूप में बनाया गया है कंस का किला देखरेख न करने के कारण खराब अवस्था तक पहुंच गया है. 16वीं शताब्दी में आमेर के राजा मानसिंह द्वारा कंस किला फिर से निर्मित किया गया और बाद में जयपुर के राजा सवाई जयसिंह ने एक वेधशाला बनाने का आदेश दिया.
तिलक द्वार मथुरा
दोस्तों आपने अगर तिलक द्वार के बारे में नहीं सुना है तो हम आपको बता दें मथुरा के तिलक द्वार द्वारकाधीश मंदिर और विश्राम घाट के आसपास का एक स्थानीय बाजार है यह मार्किट या बाजार पवित्र दरवार भी कहलाता है . अगर आप भी इस बाजार में जाते हैं तो आपको वहां से बहुत सारे धार्मिक स्टोर देखने को मिलेंगे जिसे आप विभिन्न विभिन्न देवी देवताओं की मूर्ति के साथ-साथ स्थानीय कलाकारों की पेंटिंग भी देख पाएंगे.
गोवर्धन हिल
मथुरा वरन्दावन के पास में गोवर्थन पर्वत है जंहा पर लोगो का हर मौसम में आना लगा रहता है गिरिराज वरन्दावन से गोवर्धन की दुरी 22 KM है यह पहाड़ी बलुआ पत्थर से बनी है और 38 किलोमीटर की परिधि के साथ 80 फीट की ऊंचाई तक है। इस पहाड़ी को बहुत ज्यादा पवित्र माना जाता है और गुरु पूर्णिमा गोवर्धन पूजा पर भक्तों द्वारा पहाड़ के चारों ओर 23 किलोमीटर नंगे पैर चलकर इसकी परिक्रमा की जाती है लोगों का मानना है कि यह परिक्रमा पूर्ण करने से भगवान कृष्ण प्रसन्न हो जाते हैं.
कुसुम सरोवर मथुरा
राधा कुंज के नजदीक स्थित कुसुम सरोवर मथुरा के प्रमुख स्थानों में से एक है. यह सरोवर 450 फीट लंबा और करीब 60 फीट गहरा है. यह सरोवर जितना धार्मिक तौर से जुड़ा हुआ है. उतना ही खूबसूरत भी है इस सरोवर का पानी शांत और साफ है. इसमें कई लोग तैरते भी है. यहां का मुख्य आकर्षण शाम को होने वाली आरती है जिसे कई पर्यटक अपने कमरे में कैद करके अपने साथ याद के तौर में रखते हैं या फिर सोशल मीडिया पर अपलोड कर देते हैं.
दोस्तों अगर आप भी मथुरा का दौरा करना चाहते हैं तो अवश्य इन स्थान पर जाए क्योंकि यहां पर आपको बहुत सारी शांति और आनंद की प्राप्ति होने वाली है.
2 thoughts on “मथुरा में मंदिरो के साथ इन जगह पर जरूर जाएँ , फिर कंही और जाने का मन ही नहीं करेगा”