रोवर का स्थान क्या है?
‘रोवर प्रज्ञान की सभी एक्टिविटी तय समय पर हो रहे हैं,’ इसरो ने कहा। पूरी प्रणाली नॉर्मल है। ILSA, RAMBHA और ChaSTE ने लैंडर मॉड्यूल पेलोड चालू कर दिए हैं। रोवर चलने लगा है।”
“प्रज्ञान” रोवर क्या खोज करेगा?
चंद्रमा की सतह पर मिट्टी, चट्टान और रासायनिक संरचना का अध्ययन प्रज्ञान करेगा। यह ध्रुवीय क्षेत्र में चंद्रमा की सतह के इलेक्ट्रॉनों और आयनों के थर्मल गुणों और घनत्वों को मापेगा। इसरो को पूरी तकनीकी जानकारी और सूचनाएं रोवर और लैंडर से मिलती रहेंगी।
“प्रज्ञान” कैसे काम करेगा?
रोवर में दो पेलोड लगे हैं, जो पानी की खोज में मदद करेंगे। रोवर डेटा जुटाकर लैंडर को भेजेगा। इस जानकारी को पृथ्वी पर लैंडर विक्रम लाएगा। चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर भी डेटा देंगे।
मिशन का जीवनकाल 14 दिन क्यों था?
चंद्रयान मिशन का जीवन चंद्र दिवस पर आधारित है। पृथ्वी पर एक दिन चांद के 14 दिन के बराबर है। लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान चांद के साउथ पोल पर चौबीस दिन तक काम करेंगे। तब वहाँ अंधेरा हो जाएगा. 14 दिनों के बाद विक्रम और प्रज्ञान इनएक्टिव होंगे क्योंकि वे केवल धूप में काम कर सकते हैं। 14 दिनों में से दो दिन निकल गए हैं।
14 दिनों के बाद लैंडर और रोवर क्या करेंगे?
यद्यपि, इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने लैंडर-रोवर को एक और चंद्र दिवस तक काम करते रहने की संभावना से इनकार नहीं किया है। ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, । उम्मीद की जाती है कि लैंडर और रोवर फिर से एक्टिवेट हो सकेंगे अगर चांद के उस क्षेत्र में 14 दिन बाद सूरज की रोशनी फिर से पड़ेगी तो।「
चंद्रयान-3 धरती पर वापस आ जाएगा?
इसरो ने स्पष्ट रूप से घोषणा की है कि किसी भी परिस्थिति में चंद्रयान-3 का कोई भी हिस्सा धरती पर वापस नहीं आएगा। ये सिर्फ चंद्रमा पर रहेंगे।
कुल मिलाकर चंद्रयान-3 का वजन कितना है?
चंद्रयान-3, का 3900 किलोग्राम वजन है। लैंडर मॉड्यूल का वजन 1752 किलोग्राम है, जबकि प्रोपल्शन मॉड्यूल का वजन 2148 किलोग्राम है। 26 किलोग्राम का रोवर भी इसमें शामिल है।
चंद्रयान-3 का उद्घाटन कब हुआ?
14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 का उद्घाटन किया गया। चांद पर लैंड करने में 41 दिन लगे। बुधवार शाम 6:04 बजे, लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा।