नमस्कार दोस्तों आज हम आपको 2018 AI टूल के बारे में बताने जा रहे हैं इसे टूल पर एक नया शोध किया गया है जिसमें प्रतिभागी केवल 73% ध्वनि को ही पहचान पाए जो नकली थी। तो चलिए जानते हैं डिफेक्ट क्या है? इसका क्या प्रभाव है? इसके क्या फायदे और नुकसान है?
Deepfake AI Tool: एक गलत सोचना या बयान बहुत ही ज्यादा खतरनाक हो सकता है इसके परिणाम के बारे में बताने की आवश्यकता नहीं है. यह खतरनाक तब बन जाता है जब यह फर्जी हो और इसे किसी अनैतिक और अपराधिक वक्तितव वाले व्यक्ति द्वारा जानबूझकर फैलाया गया हो. आजकल कई सारी ऐसी घटनाएं देखने को मिली है जो गलत बयान और सूचनाओं के फैलाने से प्रभावित हुई है और बाद में भयंकर रूप ले लिया.
आज के आधुनिक सोशल मीडिया वाले दौर में यह खतरा बहुत ज्यादा बढ़ चुका है सोशल मीडिया का गलत तरीके से इस्तेमाल करके लोग आसानी से गलत बयान फैलाकर उसे एक खतरनाक हथियार साबित कर रहे हैं. तो चलिए जानते हैं यह सब कैसे फैल रहा है. इन सब के पीछे जिस एयरटेल का हाथ है उस एयरटेल का नाम डीपफेक हैं.
What is Deepfake?
रिश्ते के द्वारा की गई एक उपज है इसका उपयोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा डिजिटल मीडिया में हेर–फेर करने के लिए किया जाता है. टिप्स एक एआई का इस्तेमाल करके कुछ खतरनाक तत्व वीडियो ऑडियो फोटोग्राफ में मैनिपुलेशन और एडिटिंग करके उनका फायदा उठाते हैं. डीपफेक को मशहूर करने के पीछे संस्थानों को बदनाम करना और उनको नुकसान पहुंचाना लक्ष्य है. इसको सिंथेटिक मीडिया सामग्री भी कहते हैं. सिंथेटिक मीडिया सामग्री का उपयोग आम बोलचाल की भाषा में वीडियो, टेक्स्ट ,इमेज या ऑडियो के लिए किया जाता है यह पूरे या आंशिक रूप से कंप्यूटर से बनी होती है.
इस AI (Deepfake) के क्या नुकसान है?
Deepfake का इस्तेमाल करके किसी मशहूर व्यक्ति को या फिर उस व्यक्ति को आसानी से बदनाम कर सकता है जिससे वह किसी बात को लेकर बदला लेना चाहता है. इसके इस्तेमाल व्यक्ति को झूठे सबूत बनाने,धोखाधड़ी करने, डिजिटल अपराध, गलत बयान पैदा करके, हिंसा आदि की स्थिति पैदा करके अपराधी कार्यों में किया जाता है. यह बहुत बड़े पैमाने पर काम करता है तकनीकों का इस्तेमाल करके ऑनलाइन डाटा जमा किया जाता है।
इस AI के क्या फायदे हैं?
इसे का इस्तेमाल करके कुछ फायदेमंद कार्य भी किए जा सकते हैं. यह शिक्षा, फिल्म निर्माण, अपराधिक फॉरेंसिक और कलात्मक अभिव्यक्ति में बहुत ही सहायक साबित होता है. जब एक मशीन को इंसान की तरह सोचने समझने और निर्णय लेने की क्षमता प्रदान की जाती है तो उसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का नाम दिया जा सकता है. कंप्यूटर और साइंस के क्षेत्र में इसको बहुत अच्छा माना जाता है.
डीपफेक का दुरुपयोग कहां कहां होता है?
ईसीआई का बहुत ही भयंकर तरह से दुरुपयोग किया जा सकता है. कुछ समाज में अराजकता पैदा करने वाले लोग इसका उपयोग लड़की को निशाना बनाने के लिए करते हैं जिससे वह लड़कियों की वीडियो फोटो जनरेट करते हैं. मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक 96% डीप फेक अप्रत्यजनक वीडियो है. डीपफेक का इस्तेमाल इस समय आपत्तिजनक वीडियो बनाने के लिए बहुत अधिक किया जाता है.
इस AI का गलत इस्तेमाल करने से यह समझ में व्यक्तियों की छवि खराब कर सकता है. इसका इस्तेमाल करके कोई भी व्यक्ति अगर किसी को नुकसान पहुंचाना चाहता है तो उसकी गलत वीडियो या फोटो को सोशल मीडिया पर वायरल कर सकता है जिससे समाज में उसका नाम खराब हो और साथ में उस व्यक्ति की मानहानि भी होती है.
रुपए की ठगी करने के लिए
ईसीआई के जरिए फर्जी वॉइस जनरेट करके पैसों की ठगी भी की जा सकती है इसमें हैकर आपके किसी भी करीबी की वॉइस को जनरेट करके आपसे पैसा मांग सकता है इस तरह के कई मामले रोजाना सामने आ रहे हैं.
हिंसा और दुर्घटना भड़काने के लिए
डीपफेक के इस्तेमाल से समाज में हिंसा को बढ़ावा दिया जा सकता है समाज में रहने वाले अराजक तत्व गलत बयान भाषण या फिर वीडियो ऑडियो के माध्यम से समाज में भ्रम पैदा कर सकते हैं और हिंसा का सबसे बड़ा कारण यही होता है.
सतर्क कैसे रहे
जैसा कि आप सब ने देखा इसलिए का इस्तेमाल करके लोग बहुत तरह के फ्रॉड कर रहे हैं तो इसे सतर्क रहने के लिए आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना होगा. अगर आपके पास किसी करीबी का अननोन नंबर से फोन आए और वह आपसे पैसे की मांग करें तो ऐसा करने से पहले इस बात की जांच कर लें कि वह वही व्यक्ति है या फिर कोई ओर आपके साथ फ्रॉड कर रहा है. जिस व्यक्ति को आप जानते नहीं उसके साथ किसी प्रकार की लेनदेन की बातें फोन या वीडियो कॉल पर ना करें.
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