पंजाब से बिहार पंजाब से कोलकाता तक डेडिकेटेड रेल फ्रेट कारिडोर के तहत मालगाड़ियों की आवाजाही
हरियाणा में फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण तेजी से चल रहा है। इस कॉरिडोर पर मालगाड़ियां सड़क से 35 फीट ऊपर चलेंगी। यह देश में पहली बार होगा। फ्रेट कॉरिडोर के पूरा होने से माल ढुलाई की लागत में कमी आएगी और माल की आवाजाही में तेजी आएगी। इससे व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण पश्चिमी देशों में काफी समय से हो रहा है। भारत में भी इसकी शुरुआत कुछ साल पहले हुई है। फ्रेट कॉरिडोर एक ऐसा मार्ग होता है जो विशेष रूप से मालगाड़ियों के लिए बनाया जाता है। इस मार्ग पर मालगाड़ियां सड़क से अलग चलती हैं, जिससे माल ढुलाई में आसानी होती है और दुर्घटनाओं की संभावना कम हो जाती है।
हरियाणा में फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण दिल्ली से शुरू होकर जयपुर तक होगा
इस कॉरिडोर की लंबाई 350 किलोमीटर है। कॉरिडोर पर मालगाड़ियों की गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। फ्रेट कॉरिडोर के पूरा होने से माल ढुलाई की लागत में कमी आएगी। इससे व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। फ्रेट कॉरिडोर से पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे प्रदूषण कम होगा और ऊर्जा की बचत होगी।
पंजाब से बिहार पंजाब से कोलकाता तक डेडिकेटेड रेल फ्रेट कारिडोर के तहत मालगाड़ियों की आवाजाही पंजाब के साहनेवाल से बिहार के सोन नगर तक सीधी मालगाड़ियां दौड़ेंगी। इसका ट्रायल लुधियाना के साहनेवाल से न्यू खुर्जा तक किया जा चुका है। ट्रायल के दौरान 75 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गाड़ी को दौड़ाया गया। लुधियाना से सहारनपुर तक 175 किलोमीटर लंबी पटरी बिछी थी।
दीपक बहल, अंबाला। लुधियाना से कोलकाता तक सिर्फ मालगाड़ियों के लिए बिछाई जा रही रेल पटरी का कार्य अंतिम चरण में है। 20 नवंबर को पहली मालगाड़ी चलाई जाएगी और दिसंबर तक लुधियाना से बिहार के सोन नगर जंक्शन तक बिछाई गई नई लाइन पर 40 मालगाड़ियां दौड़ाई जाएंगी। अभी एक्सप्रेस, शताब्दी, वंदेभारत, मालगाड़ी जैसे सभी ट्रेनें एक ही पटरी पर दौड़ रही हैं।
देश में पहली बार होगा कि नीचे यात्री गाड़ी और 35 फीट ऊंचाई पर मालगाड़ियां दौडेंगी। अंबाला-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग के ऊपर भी रेल लाइन बिछाई जाएगी। यह लुधियाना से कोलकाता तक 1856 किलोमीटर तक बिछने वाली लाइन डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर के प्रोजेक्ट का हिस्सा होगी। हरियाणा और पंजाब में तीन जगहों पर नीचे सवारी गाड़ी तो ऊपर मालगाड़ियां दिखेंगी।
20 नवंबर से चलाई जाएगी मालगाड़ी
नई लाइन पर संचालन होने से मुख्य लाइन पर ट्रेनों की संख्या कम हो जाएगी। ऐसे में हरियाणा और पंजाब से जहां नई गाड़ियां चलाने के विकल्प खुल जाएंगे, वहीं ट्रेनों की गति में इजाफा होने के साथ-साथ त्योहारों पर ज्यादा स्पेशल ट्रेनों को दौड़ाने का विकल्प मिल जाएगा। अब स्पेशल गाड़ियां दिल्ली से चलानी उत्तर रेलवे की मजबूरी है
पंजाब से बिहार पंजाब से कोलकाता तक डेडिकेटेड रेल फ्रेट कारिडोर के तहत मालगाड़ियों की आवाजाही पंजाब के साहनेवाल से बिहार के सोन नगर तक सीधी मालगाड़ियां दौड़ेंगी। इसका ट्रायल लुधियाना के साहनेवाल से न्यू खुर्जा तक किया जा चुका है। ट्रायल के दौरान 75 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गाड़ी को दौड़ाया गया। लुधियाना से सहारनपुर तक 175 किलोमीटर लंबी पटरी बिछी थी। न्यू खुर्जा से बिहार तक मालगाड़ियां दौड़नी शुरू हो गई हैं।
ट्रायल किया गया था, दिसंबर से संचालन होगा शुरू
पंकज गुप्ता डेडिकेटिड फ्रेट कोरिडोर कारपोरेशन आफ इंडिया के सीजीएम पंकज गुप्ता का कहना है कि दिसंबर से गाड़ियों के संचालन करने की तैयारी है। इसको लेकर पहले ट्रायल किया गया था। जल्द ही एक टीम निरीक्षण करेगी, जिसके बाद संचालन शुरू होगा। मालगाड़ियों के लिए अलग पटरी होने से नई गाड़ियां चलाने का मौका भी रहेगा।
1. फ्रेट कॉरिडोर के पूरा होने का समय
फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण कार्य अभी भी जारी है। इसका पूरा होने का समय 2024 निर्धारित किया गया है, लेकिन यह समय सीमा बढ़ सकती है। इस विषय पर लोगों की उत्सुकता बनी रहेगी कि फ्रेट कॉरिडोर कब तक पूरा होगा और इसके पूरा होने से लोगों को क्या लाभ होंगे।
2. फ्रेट कॉरिडोर के आर्थिक प्रभाव
फ्रेट कॉरिडोर का आर्थिक प्रभाव काफी बड़ा होगा। इससे माल ढुलाई की लागत में कमी आएगी और माल की आवाजाही में तेजी आएगी। इससे व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इस विषय पर लोगों की रुचि बनी रहेगी कि फ्रेट कॉरिडोर से देश की अर्थव्यवस्था को क्या लाभ होंगे।
3. फ्रेट कॉरिडोर के पर्यावरणीय प्रभाव
फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण से पर्यावरण पर भी प्रभाव पड़ेगा। इससे प्रदूषण बढ़ सकता है और वन्यजीवों के आवास को नुकसान पहुंच सकता है। इस विषय पर लोगों की चिंता बनी रहेगी कि फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण से पर्यावरण को क्या नुकसान होगा।
4. फ्रेट कॉरिडोर के सुरक्षात्मक उपाय
फ्रेट कॉरिडोर पर मालगाड़ियों की गति अधिक होगी, इसलिए सुरक्षा के उपायों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी। इस विषय पर लोगों की चिंता बनी रहेगी कि फ्रेट कॉरिडोर पर सुरक्षा के क्या उपाय किए गए हैं।
निष्कर्ष:
फ्रेट कॉरिडोर भारत की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है। इस परियोजना से देश में माल ढुलाई के क्षेत्र में क्रांति आएगी।
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